राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में राज्य सरकार द्वारा डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर लगाए गए प्रतिबंध के चलते करीब 20 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। आदेश में संशोधन की मांग करते हुए, मंगलवार को सभी डॉक्टरों ने सामूहिक हस्ताक्षर के साथ अपना इस्तीफा मेडिकल कॉलेज के डीन को सौंपा। इन डॉक्टरों के इस्तीफे से मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और बिगड़ गई है, जहां पहले से ही डॉक्टरों की कमी चल रही थी।
डॉक्टरों का विरोध और मांग
डॉक्टरों का कहना है कि चिकित्सा शिक्षा से जुड़े डॉक्टरों के लिए अलग नियम बनाए जाने चाहिए, और निजी प्रैक्टिस पर लगे प्रतिबंध को संशोधित किया जाना चाहिए। वर्तमान आदेश के तहत उन्हें केवल अपने घर में ही क्लीनिक चलाने की अनुमति दी गई है, जिसे डॉक्टर अव्यवहारिक मानते हैं। डॉक्टरों ने मांग की है कि यह आदेश तुरंत निरस्त किया जाए।
प्रशासन और सरकार का रुख
मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट मेडिकल सुप्रीटेंडेंट, डॉ. पवन जेठानी ने बताया कि इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों के साथ चर्चा जारी है, और स्थिति पर फिलहाल कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर मामले का हल निकाला जाएगा। उन्होंने इसे एक गंभीर विषय बताते हुए जल्द समाधान का आश्वासन दिया।