बिलासपुर: जिले में सरकारी राशन वितरण प्रणाली में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि कोटा विकासखंड के कोंचरा, सोनपुरी, आमामुड़ा और कर्रा ग्रामों में संचालित राशन दुकानों के प्रबंधकों और विक्रेताओं ने मिलकर सरकारी खाद्यान्न का गबन किया है। इन लोगों ने लाखों रुपये का चावल, शक्कर और अन्य खाद्यान्न बाजार में बेच दिया था।
कैसे हुआ खुलासा?
लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर प्रशासन ने इन राशन दुकानों का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान भारी मात्रा में खाद्यान्न की कमी पाई गई। जांच में सामने आया कि कोंचरा सोसायटी में लगभग 317 क्विंटल चावल, 8 क्विंटल शक्कर और 2 क्विंटल नमक की कमी थी। इसी तरह सोनपुरी में 200 क्विंटल चावल, 3 क्विंटल शक्कर और 5 क्विंटल चना, आमामुड़ा में 177 क्विंटल चावल, 5 क्विंटल शक्कर और 7 क्विंटल चना, तथा कर्रा में 91 क्विंटल चावल और 0.65 क्विंटल शक्कर की कमी पाई गई।
कड़ी कार्रवाई
इस गंभीर मामले में कोटा के एसडीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कोंचरा, सोनपुरी, आमामुड़ा और कर्रा की समितियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही, दोषी व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गरीबों के हिस्से का अनाज हुआ गायब
इस घोटाले से सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों को हुआ है। जिन लोगों को राशन कार्ड के माध्यम से सस्ते दर पर खाद्यान्न मिलना चाहिए था, उन्हें पूरा राशन नहीं मिल पाया। राशन दुकानों के प्रबंधकों और विक्रेताओं ने गरीबों के हिस्से का अनाज बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाया।
जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पूरे जिले में राशन दुकानों की जांच शुरू कर दी है।