बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में हुए किन्नर हत्याकांड का पुलिस ने 48 घंटों के भीतर पर्दाफाश कर दिया है. ढाबाडीह गांव के एक बंद पड़े पत्थर खदान में मिली महिला की लाश की पहचान रायपुर निवासी किन्नर काजल के रूप में हुई. पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से साढ़े 10 लाख रुपये बरामद किए हैं.
मठ प्रमुख बनने की थी ख्वाहिश:
पुलिस के मुताबिक, इस हत्याकांड का मुख्य कारण किन्नर मठ का प्रमुख बनने की आरोपी तपस्या की महत्वाकांक्षा थी. वह मुंबई से आकर रायपुर के किन्नर मठ में रह रही थी और मठ प्रमुख बनना चाहती थी. काजल इस रास्ते में उसकी सबसे बड़ी बाधा थी. इसलिए तपस्या ने 12 लाख रुपये की सुपारी देकर काजल की हत्या करवाई.
हत्या की साजिश:
तपस्या ने निशा श्रीवास के साथ मिलकर काजल की हत्या की साजिश रची. सितंबर 2024 में उन्होंने गणेश उत्सव के दौरान काजल की हत्या करने का प्लान बनाया और निशा ने अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे को यह काम सौंपा. हालांकि, पहले सुपारी किलर जेल चला गया. इसके बाद उन्होंने अंकुश और कुलदीप नाम के दो अन्य लोगों को यह काम दिया.
घटना का निष्कर्ष:
आखिरकार, योजना के अनुसार काजल की हत्या कर दी गई और उसके शव को ढाबाडीह के पत्थर खदान में फेंक दिया गया. पुलिस ने मौके से 500-500 रुपये की गड्डियों में डेढ़ लाख रुपये बरामद किए.
पुलिस की कार्रवाई:
एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें तपस्या, निशा श्रीवास, हिमांशु बंजारे, कुलदीप कुमार कुरील और अंकुश चौधरी शामिल हैं. हत्या में इस्तेमाल की गई गाड़ी में बजरंग दल लिखा हुआ था, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह घटना किसी संगठन से जुड़ी नहीं है.