रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ को हरेली तिहार के दिन एक बड़ी सौगात मिली है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और दूरस्थ क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 535 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार द्वारा जारी किए गए नियुक्ति आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि ये संविदा नियुक्तियाँ पूर्णतः अस्थायी होंगी। नियुक्ति आदेश के अनुसार, पदस्थापना स्थल पर 15 दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा। किसी भी स्थिति में पदस्थापना स्थान में संशोधन या अन्यत्र स्थानांतरण के लिए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
नियुक्त अधिकारियों को कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् पदस्थापना स्थल पर ही मुख्यालय बनाकर निवास करना होगा। किसी भी परिस्थिति में मुख्यालय के अतिरिक्त अन्यत्र स्थानों से आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। संबंधित अनुबंधित छात्र चिकित्सक को अपने पदस्थापना स्थल पर दो वर्ष की संविदा सेवा अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी।
यदि संबंधित अनुबंधित छात्र चिकित्सक आदेश के पालन में निर्धारित समय सीमा में कार्यभार ग्रहण नहीं करते, या कार्यभार ग्रहण करने के बाद दो वर्ष का सेवा-काल पूरा नहीं करते, या बिना अनुमति के अनुपस्थित रहते हैं, तो अनुबंध की राशि की वसूली भू-राजस्व की बकाया राशि की भाँति की जाएगी। इसके साथ ही, चिकित्सा कौंसिल से एमबीबीएस (चिकित्सा स्नातक) और पीजी (चिकित्सा स्नातकोत्तर) की पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।