मध्य प्रदेश के खरगोन में रहने वाले 21 वर्षीय युवक अमन ने कम शिक्षा और आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है। 8वीं तक पढ़े अमन ने जुगाड़ से एक ऐसा स्मार्ट चश्मा बनाया है जो मात्र ₹500 की लागत में दृष्टिहीन दिव्यांगों की मदद करेगा।
यह स्मार्ट चश्मा दृष्टिहीन दिव्यांगों को उनके आसपास के खतरों से सचेत करेगा। चश्मे में लगे सेंसर बाधाओं का पता लगाकर कंपन या आवाज के माध्यम से दिव्यांगों को सचेत करेंगे।
बेरोजगार अमन ने पहले भी रोबोट तैयार कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था। अमन की इस उपलब्धि ने ना केवल उनके परिवार और आसपास के लोगों को प्रेरित किया है, बल्कि यह अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणादायक है।
अमन की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए हमेशा उच्च शिक्षा या बड़ी पूंजी की आवश्यकता नहीं होती। कड़ी मेहनत, लगन और रचनात्मक सोच से हम असंभव को भी संभव बना सकते हैं।
उम्मीद है कि सरकार और गैर-सरकारी संगठन अमन जैसे युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने और अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने में मदद करेंगे।