रायपुर: कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई दर्दनाक घटना के विरोध में रायपुर के मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार जारी है। आज भी आंबेडकर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहीं।
आंबेडकर अस्पताल में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाई गई घटना
बुधवार से शुरू हुई इस हड़ताल में आज भी सैकड़ों जूनियर डॉक्टर शामिल हुए। आंबेडकर अस्पताल में महिला चिकित्सा डॉक्टरों ने कोलकाता में हुई घटना को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाकर लोगों को जागरूक किया। उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगे
- कॉलेज और अस्पताल परिसर में सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जाए।
- ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, हास्टल और आवासीय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
- मेडिकल छात्रों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की तुरंत जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
- हिंसा की घटनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर 48 घंटे के भीतर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को भेजी जाए।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का समर्थन
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन किया है। संघ के जिला अध्यक्ष एसएस सोनी ने कहा कि कोलकाता में हुई घटना बेहद निंदनीय है और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं।
आपातकालीन सेवाएं जारी
हालांकि, जूनियर डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं को बाधित नहीं किया है। आपातकालीन विभाग में डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया।
डॉक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च
शाम को डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकालकर अपनी एकता प्रदर्शित की और कोलकाता में हुई घटना के विरोध में नारेबाजी की।
डॉक्टरों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा
कोलकाता की घटना ने देशभर के डॉक्टरों को झकझोर कर रख दिया है। डॉक्टरों का मानना है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। वे चाहते हैं कि सरकार इस मामले में कड़े कदम उठाए और डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करे।