सुकमा। दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे सुकमा जिले की फिजाएं अब बदल रही हैं। जहां पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बल के जवानों और स्थानीय लोगों के बीच भय और अविश्वास का माहौल देखा जाता था, वहीं अब उसी क्षेत्र की महिलाएं और बहनें जवानों की सलामती की दुआएं मांग रही हैं और उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांध रही हैं।
आज रक्षाबंधन के पावन पर्व पर, सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों को परिवार की कमी महसूस न हो, इसलिए गांव की सैकड़ों बहनें और महिलाएं कैंप पहुंचीं और जवानों को राखी बांधी। जवानों ने भी बहनों के इस स्नेह और सम्मान को देखकर खुशी जताई और भावुक हो गए। कई जवानों की आंखें नम हो गईं।जवानों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात रहते हुए, वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, जिसके कारण त्योहारों में परिवार से दूर रहना पड़ता है। इस रक्षाबंधन पर गांव की बहनों ने राखी बांधकर उन्हें परिवार की कमी महसूस नहीं होने दी।गांव की महिलाओं ने कहा कि नक्सलवाद को खत्म करने और क्षेत्र में शांति कायम करने के लिए तैनात जवान त्योहारों पर अपने परिवार से दूर रहते हैं। इसलिए रक्षाबंधन के पावन पर्व पर उन्होंने जवानों को राखी बांधकर यह महसूस कराया कि उनका परिवार यहां भी मौजूद है।