कोरबा: आज गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर देशभर में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जा रही है। इस अवसर पर कोरबा जिले के कटघोरा में गणेश उत्सव समिति द्वारा एक भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है, जिसे वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेम मंदिर की तर्ज पर सजाया गया है।
कटघोरा में भव्य गणेश पंडाल
कटघोरा के इस पंडाल को पिछले एक महीने से कोलकाता से आए 20 कारीगरों ने 3000 बांस और थर्माकोल का उपयोग करके तैयार किया है। इस पंडाल में भगवान गणेश की 21 फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान है, जो पुणे के दगडूसेठ हलवाई के रूप में दर्शनीय है। इसके अलावा, पंडाल में रूद्र रूप में हनुमान जी और राधा-कृष्ण की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।
थनौद के मूर्तिकारों का कमाल
गणेश उत्सव समिति के सदस्य संजय अग्रवाल ने बताया कि गणेश की इस भव्य प्रतिमा को थनौद के मूर्तिकारों ने बनाया है। थनौद गांव मिट्टी के गणेश बनाने के लिए प्रसिद्ध है और यहां के मिट्टी के गणेश की मांग पांच राज्यों में होती है। इस गांव के कलाकारों का कहना है कि उन्होंने कटघोरा के लिए बनाई गई गणेश प्रतिमा को पुणे के दगडूसेठ हलवाई के रूप में अंतिम रूप दिया है और यह छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा है।
पांच राज्यों में थनौद से जाती हैं मूर्तियां
भिलाई से 25 किलोमीटर दूर स्थित शिल्पग्राम थनौद की आबादी करीब तीन हजार है। पूरे गांव का मुख्य पेशा मिट्टी के गणेश बनाना है। यह काम पिछले पांच पीढ़ियों से जारी है। हाल के वर्षों में मिट्टी के गणेश की मांग में वृद्धि हुई है।
गणेश उत्सव की धूम
गणेश चतुर्थी के अवसर पर कोरबा सहित पूरे देश में भव्य पंडालों का निर्माण किया गया है। लोग बड़े उत्साह के साथ गणेश उत्सव मना रहे हैं। गणेश उत्सव धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है।