सरगुजा जिले के सीतापुर में हुए आदिवासी युवक संदीप लकड़ा की हत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। आदिवासी समाज हत्या के मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय और उसके सहयोगी को गिरफ्तार करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहा है। मृतक के शव का अंतिम संस्कार न करने का निर्णय लेकर आदिवासी समाज ने प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है।
क्या है पूरा मामला?
सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा निवासी संदीप लकड़ा लगभग तीन महीने से लापता था। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आदिवासी समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
लगभग तीन महीने बाद संदीप लकड़ा का शव मैनपाट के ग्राम लुरैना में बरामद हुआ। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय और उसके सहयोगी ड्राइवर अभी भी फरार हैं।
आदिवासी समाज की मांगें
आदिवासी समाज ने इस मामले में आठ सूत्रीय मांगें रखी हैं जिनमें मुख्य रूप से मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग शामिल है। आदिवासी समाज का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने कुछ पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है। हालांकि, मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है।
अंबिकापुर में कैंडल मार्च
आदिवासी समाज ने अपनी मांगों को लेकर अंबिकापुर में कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। उन्होंने न्याय की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
आदिवासी समाज का आक्रोश
आदिवासी समाज इस मामले में काफी आक्रोशित है। उनका कहना है कि पुलिस इस मामले में ढिलाई बरत रही है और मुख्य आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है। आदिवासी समाज ने सरकार से मांग की है कि वह इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे और दोषियों को कड़ी सजा दिलाए।