‘मोदी की गारंटी’ : हड़ताल पर बैठे अधिकारी-कर्मचारी, सरकारी कार्यालयों में काम बंद

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। “मोदी की गारंटी” लागू करने की मांग को लेकर राज्य भर के सरकारी कर्मचारी कलम बंद, काम बंद और ताला बंद हड़ताल पर उतर आए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर आज सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें:

  • कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की तरह उन्हें भी महंगाई भत्ता मिलना चाहिए।
  • गृह भत्ता में वृद्धि की मांग की जा रही है।
  • अर्जित अवकाश को 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन करने की मांग की जा रही है।

फेडरेशन अध्यक्ष कमल वर्मा का बयान:

छत्तीसगढ़ प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि वे लंबे समय से इन मांगों को लेकर सरकार से संवाद कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।

आंदोलन का इतिहास:

  • छह अगस्त: फेडरेशन ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा।
  • 20 अगस्त से 30 अगस्त: विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया।
  • 11 सितंबर: जिला और ब्लॉक स्तर पर मशाल रैलियां निकाली गईं और कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा गया।
  • 15 सितंबर: आज सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे।

हड़ताल का असर:

इस हड़ताल के कारण राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। इससे आम जनता को काफी परेशानी हुई। अभी तक सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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