भालू का आतंक हुआ समाप्त, वन विभाग ने किया काबू

मरवाही : मरवाही के जंगलों में पिछले कुछ दिनों से लोगों पर हमले कर रहे भालू को वन विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ लिया है। इस भालू ने दो दिनों के भीतर दो लोगों की जान ले ली थी और पांच अन्य को घायल कर दिया था।

मरवाही वन मंडल, जिसे भालू लैंड के नाम से भी जाना जाता है, में अवैध खनन और अंधाधुंध वनों की कटाई के कारण जंगली जानवरों का प्राकृतिक आवास प्रभावित हुआ है। भोजन की तलाश में ये जानवर अब आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं, जिसकी वजह से इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है।

कैसे पकड़ा गया भालू?

ग्राम उषाड के डोंगराटोला में भालू ने जिस जगह हमला किया था, वहीं उसे पकड़ा गया। वन विभाग की टीम ने भालू को बेहोशी की दवा देकर पिंजरे में कैद कर लिया। इसी जगह पर भालू ने कुछ दिन पहले एक 13 वर्षीय बच्ची को मार डाला था। बच्ची अपने पालतू जानवरों को चराने गई थी, तभी भालू ने उस पर हमला कर दिया था। भालू ने बच्ची के सिर, आंख, कान, नाक और पेट पर गंभीर चोटें पहुंचाई थीं।

भालू के हमलों से मचा हड़कंप

भालू के लगातार हमलों से पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। मरवाही वन मंडल के डीएफओ रौनक गोयल ने घटनास्थल का दौरा किया था और लोगों को जंगल में जाने से मना किया था। उन्होंने वाइल्ड लाइफ स्पेशलिस्ट और डॉक्टरों की सलाह लेने के बाद भालू को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की बात कही है।

सियार का आतंक

इसी तरह, मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व और खुड़िया वन क्षेत्र में सियार ने भी लोगों पर हमले किए हैं। सियार ने अब तक 15 लोगों को घायल कर दिया है। सियार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कई जगह पिंजरे लगाए हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।

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