एफसीआई गोदाम के पास 50 से अधिक पेड़ काटे गए, वन विभाग की जांच में सामने आई लापरवाही। वृक्षों की शिफ्टिंग की जगह कटाई का प्रमाण मिला। जानें, किस तरह हुआ पर्यावरण को नुकसान।
रेलवे ने छत्तीसगढ़ के एफसीआई गोदाम के पास निर्माणाधीन डिपो की जगह से 50 से अधिक पेड़ों को स्थानांतरित करने की सूचना दी थी, लेकिन हकीकत में वहां पेड़ों की कटाई की गई। वन विभाग की टीम ने शिकायत मिलने पर जांच की और मौके पर कटे हुए पेड़ों के ठूंठ और लकड़ियों के टुकड़े पाए। शिफ्टिंग की अनुमति से जुड़े दस्तावेज भी ठेकेदार और कर्मचारियों के पास मौजूद नहीं थे। कुछ पेड़ों को शिफ्ट किया गया था, लेकिन अधिकांश वृक्ष सूख चुके थे।
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करना आसान नहीं होता और यह प्रक्रिया सही तरीके से न की जाए तो वृक्ष जीवित नहीं रह पाते। रेलवे ने बिना अनुमति पेड़ों की कटाई कर दी, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा।
जांच के दौरान टीम ने पाया कि पेड़ों को शिफ्ट करने की बजाय काटा गया और लकड़ियों को ट्रैक्टर से परिवहन किया जा रहा था। वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि शिफ्टिंग के लिए कई प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य होता है, जो यहां नहीं किया गया।
प्रमुख प्रक्रियाएं:
पेड़ उखाड़ने की बजाय मिट्टी समेत जड़ों को निकाला जाता है।
पुरानी और नई जगह की मिट्टी का परीक्षण अनिवार्य होता है।
पेड़ उखाड़ने के 90 मिनट के भीतर उसे दोबारा लगाना जरूरी होता है।
प्लांटेशन के लिए सही मौसम (जून-जुलाई) का चयन करना आवश्यक होता है।
रेलवे की इस लापरवाही के खिलाफ वन विभाग की जांच जारी है, और बिना अनुमति के की गई कटाई पर कड़ी कार्रवाई की संभावना है।