Madheshwar Pahad : जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में स्थित मधेश्वर पहाड़ ने अपनी ऐतिहासिक पहचान बना ली है। यह स्थल अब ‘विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग’ के रूप में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। इस अनोखी उपलब्धि को ‘लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मान्यता दी गई है।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर इस उपलब्धि का प्रमाण पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रदेश के पर्यटन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
जशपुर का पर्यटन वेबसाइट पर प्रमोशन
हाल ही में जशपुर को लोकप्रिय पर्यटन वेबसाइट EaseMyTrip.com में शामिल किया गया है, जिससे पर्यटकों को जिले के प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों की जानकारी मिलना और आसान हो जाएगा। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है क्योंकि जशपुर इस वेबसाइट में शामिल होने वाला प्रदेश का पहला जिला बन गया है।
धार्मिक और रोमांचक पर्यटन का केंद्र
मधेश्वर पहाड़ धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं। साथ ही, यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी तेजी से प्रसिद्ध हो रहा है। हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां प्रकृति के साथ जुड़ने और रोमांच का अनुभव करने आते हैं।
पर्यटन के विकास की संभावनाएं
मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि साहसिक खेलों और पर्यावरण-पर्यटन के लिए भी असीम संभावनाओं का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में पर्यटन के विस्तार से स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।
जशपुर की इस पहचान और उपलब्धि से छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक नई चमक जुड़ गई है।