Vande Bharat Train : दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच हैं, लेकिन इनमें केवल 30-35% सीटें ही भर पा रही हैं। यात्रियों की कम संख्या के चलते रेलवे को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी कारण रेलवे ने कोच की संख्या घटाकर आठ करने का विचार किया है।
नागपुर-बिलासपुर रूट से मिली प्रेरणा
ऐसी ही स्थिति नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत ट्रेन की भी थी, जहां कम यात्रियों के कारण कोच घटाने पड़े। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि कोच कम होने से ट्रेनों में सीटें भरने की संभावना बढ़ जाएगी।
मुख्यालय को भेजा गया प्रस्ताव
रेलवे मुख्यालय को कोच घटाने के लिए पत्र भेजा गया है। वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों की संख्या और रूट के आधार पर आठ, 16 या 20 कोच की व्यवस्था होती है। रायपुर-विशाखापट्टनम ट्रेन में वर्तमान में दो एग्जीक्यूटिव क्लास और 14 चेयर कार कोच हैं, जिनमें कुल 1,128 सीटें हैं।
महंगे टिकट से घटा उत्साह
ट्रेन के महंगे टिकट इसकी लोकप्रियता में बाधा बने हैं। एग्जीक्यूटिव क्लास में किराया 2,825 रुपये (भोजन सहित) और चेयर कार का किराया 1,565 रुपये है। बिना भोजन के किराया क्रमशः 2,410 रुपये और 1,205 रुपये है। इस कारण यात्री सस्ती एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करना अधिक पसंद कर रहे हैं।
जनवरी के बाद होगा फैसला
रेलवे बोर्ड जनवरी तक ट्रेन की खाली सीटों की समीक्षा करेगा। इसके बाद कोच कम करने का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
एक्सप्रेस ट्रेनों में वेटिंग, वंदे भारत में सीटें खाली
विशाखापट्टनम रूट पर समता एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनों में वेटिंग है, जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस में सीटें खाली रहती हैं। यात्रियों की प्राथमिकता पारंपरिक ट्रेनों की ओर अधिक है।