बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले से एक पिता के अनूठे समर्पण और दृढ़ विश्वास की कहानी सामने आई है, जो हर किसी को भावुक कर रही है। अमरावती निवासी देवीदास शिरपट खौराट ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए मां वैष्णो देवी से मन्नत मांगी थी। आज वह उस मन्नत को पूरा करने के लिए सड़क पर लोटते हुए मां वैष्णो देवी के दर्शन करने जा रहे हैं।
बेटे की जान बचाने की मन्नत
साल 2001 में देवीदास के बेटे दुर्गेश को बिजली का करंट लगने से गंभीर चोट आई थी। डॉक्टरों ने उसके बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। इस कठिन समय में देवीदास ने अस्पताल में मां वैष्णो देवी की तस्वीर देखकर मन्नत मांगी कि यदि उसका बेटा बच जाता है, तो वह अमरावती से वैष्णो देवी तक सड़क पर लोटते हुए पांच बार दर्शन करने आएगा।
मन्नत पूरी करने का सफर
देवीदास ने बताया कि अब तक वह दो बार मां वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं। इस बार वह अपनी 14 वर्षीय बेटी वैष्णवी के साथ डेढ़ महीने पहले अमरावती से निकले हैं। वह हर दिन लगभग 10 किलोमीटर का सफर सड़क पर लोटते हुए तय करते हैं। जहां मंदिर आता है, वहां रात गुजारते हैं और अगली सुबह आगे का सफर शुरू करते हैं।
छह से आठ महीने में पहुंचते हैं मंदिर
देवीदास ने कहा कि वैष्णो देवी तक पहुंचने में उन्हें छह से आठ महीने का समय लगता है। हालांकि, इस कठिन यात्रा में उन्हें किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं होती। उनका कहना है कि मां की कृपा से यह सफर आसानी से गुजर जाता है।