Khairagarh। खैरागढ़ वन मंडल में बाघ (Tiger) की मौजूदगी की पुष्टि होते ही वन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। आम नागरिकों को बिना किसी आवश्यक कारण के जंगल में न जाने की चेतावनी दी गई है। अगर कोई अनावश्यक रूप से जंगल में घूमते पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ड्रोन कैमरों से रखी जा रही नजर
पिछले कुछ दिनों से खैरागढ़-डोंगरगढ़ के जंगलों में बाघ की आहट महसूस की जा रही थी। कई जगह बाघ के पदचिह्न मिलने के बावजूद प्रत्यक्ष रूप से उसकी पुष्टि नहीं हुई थी। 3 फरवरी को जंगल में मजदूरों ने बाघ को देखा, जिसके बाद वन विभाग ने इलाके को हाई अलर्ट पर रख दिया है। फिलहाल ड्रोन कैमरों और गश्त टीमों के जरिए बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
ग्रामीणों के लिए जरूरी हिदायत
खैरागढ़ डीएफओ आलोक तिवारी ने ग्रामीणों को सतर्क करते हुए कुछ निर्देश जारी किए:
*रात के समय घर से बाहर न निकलें।
* अकेले या सुनसान इलाकों में जाने से बचें।
* अगर बाघ दिखाई दे या उसके निशान मिलें, तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें।
* अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।
संरक्षण और इको-टूरिज्म की संभावना
खैरागढ़ और डोंगरगढ़ के जंगल समृद्ध जैव विविधता से भरपूर हैं। 1990 तक यहां कई बाघों का निवास था। यदि स्थानीय समुदाय संरक्षण प्रयासों में शामिल हों, तो इको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता है और इसे एक आदर्श वन्यजीव आवास के रूप में विकसित किया जा सकता है।