बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। टुटेजा पर शराब नीति घोटाले, अवैध कमीशन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें अप्रैल 2024 में पीएमएलए (PMLA) मामले में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने 2,100 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले में टुटेजा को शराब सिंडिकेट का सरगना बताया है। एजेंसी ने अदालत में दिए बयान में कहा कि टुटेजा की राज्य प्रशासन के प्रबंधन में प्रत्यक्ष भूमिका के साक्ष्य मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया कि वह सह-आरोपी अनवर ढेबर के साथ सक्रिय रूप से शामिल थे।
ईडी के अनुसार, टुटेजा आबकारी विभाग के आधिकारिक पद पर नहीं थे, फिर भी वह इसकी गतिविधियों में प्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप करते थे। जांच में उनके पास से 14.41 करोड़ रुपये की अवैध राशि से जुड़े डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं।
इसके अलावा, ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि टुटेजा ने अरुणपति त्रिपाठी को छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
ईडी ने अदालत को बताया कि टुटेजा की गतिविधियों के कारण राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। टुटेजा पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे, और अपनी सेवा के अंतिम दिनों में छत्तीसगढ़ सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे।