छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखा दुर्लभ पक्षी ब्लैक-नेक्ड ग्रीब, कोपरा डैम बना नया प्रवासी ठिकाना

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार दुर्लभ पक्षी ब्लैक-नेक्ड ग्रीब (Podiceps nigricollis) को देखा गया है, जो राज्य की जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। यह दुर्लभ पक्षी बिलासपुर के कोपरा डैम में पाया गया, जहां 14 दिसंबर 2024 को बर्डवॉचिंग सर्वे के दौरान डॉ. लोकेश शरण ने इसे देखा और तस्वीरें लीं। बाद में विशेषज्ञों द्वारा पुष्टि की गई कि यह वास्तव में ब्लैक-नेक्ड ग्रीब ही है।

प्रवासी पक्षी के आगमन से वैज्ञानिकों में उत्साह

यह खोज पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इससे पहले इस प्रजाति को गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और गंगा के मैदानी इलाकों में देखा गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में यह पहली बार दस्तावेजीकृत हुआ है। इस खोज के बाद शोधकर्ताओं और पक्षी प्रेमियों का ध्यान कोपरा डैम की ओर बढ़ा है।

कोपरा डैम में दर्ज हुई 113 पक्षी प्रजातियां

पक्षी वैज्ञानिक अनुराग विश्वकर्मा और उनकी टीम के अध्ययन के अनुसार, कोपरा डैम में अब तक 113 पक्षी प्रजातियों की मौजूदगी दर्ज की जा चुकी है। इनमें पेंटेड स्टॉर्क, वूली-नेक्ड स्टॉर्क, मिस्र का गिद्ध (Egyptian Vulture), यूरेशियन कर्ल्यू और ब्लैक-टेल्ड गॉडविट जैसे महत्वपूर्ण पक्षी शामिल हैं। अब ब्लैक-नेक्ड ग्रीब की मौजूदगी ने पक्षी वैज्ञानिकों की रुचि और बढ़ा दी है।

ब्लैक-नेक्ड ग्रीब: पानी पर तैरते हुए बनाता है घोंसला

इस पक्षी की खासियत यह है कि यह पानी पर तैरते हुए घोंसला बनाता है, जो जलीय पौधों और घास से बना होता है। यह आमतौर पर यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के ठंडे इलाकों में पाया जाता है और सर्दियों में प्रवास करते हुए भारत के कुछ हिस्सों में पहुंचता है। इसकी पहचान इसकी गहरी लाल आंखें, माथे का उठा हुआ भाग और सिर पर काले रंग की टोपी जैसी आकृति से की जा सकती है। यह दुनिया की सबसे सामाजिक ग्रीब प्रजातियों में से एक है और हजारों की संख्या में झुंड बनाकर प्रवास करता है।

कोपरा डैम बनेगा नया प्रवासी पक्षी स्थल?

बिलासपुर से लगभग 12-13 किमी दूर स्थित कोपरा डैम अब प्रवासी पक्षियों के लिए एक नया ठिकाना बन सकता है। इस खोज को उत्तर प्रदेश जर्नल ऑफ जूलॉजी ने 28 फरवरी 2025 को प्रकाशित किया है, जिसमें शोधकर्ता डॉ. लोकेश शरण और प्रतीक ठाकुर ने इस पक्षी के दस्तावेजीकरण पर शोध किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में कोपरा डैम छत्तीसगढ़ में पक्षी अध्ययन का प्रमुख केंद्र बन सकता है। ब्लैक-नेक्ड ग्रीब की यह उपस्थिति छत्तीसगढ़ की जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह संकेत देती है कि राज्य में अभी भी कई अनदेखे प्राकृतिक रहस्य छिपे हुए हैं। इस खोज से छत्तीसगढ़ को बर्डवॉचिंग के एक नए केंद्र के रूप में उभरने का अवसर मिल सकता है।

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