रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के समूल खात्मे की ओर एक और बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर-गंगालूर और कांकेर-नारायणपुर इलाके में सुरक्षाबलों ने संयुक्त अभियान चलाते हुए 30 नक्सलियों को मार गिराया। इनमें से 26 नक्सली बीजापुर-गंगालूर में और 4 नक्सली कांकेर-नारायणपुर में ढेर हुए हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस बड़ी कामयाबी को नक्सलवाद के अंत की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने सुरक्षाबलों के साहस और वीरता को नमन करते हुए कहा, “हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक छत्तीसगढ़ पूरी तरह नक्सलमुक्त नहीं हो जाता।”
शहादत को सलाम, बलिदान नहीं जाएगा व्यर्थ
इस अभियान में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के एक जवान ने वीरगति प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने जवान की शहादत को नमन करते हुए कहा, “उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त और शांतिपूर्ण बनाने के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान प्रेरणादायी है, जो व्यर्थ नहीं जाएगा।”
2026 तक नक्सलवाद के संपूर्ण खात्मे का संकल्प
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के संपूर्ण उन्मूलन के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि यह बड़ी सफलता उस संकल्प की ओर एक अहम कदम है। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद की आखिरी घड़ी आ चुकी है। प्रदेश का हर नागरिक जल्द ही भयमुक्त और सुरक्षित जीवन जिएगा।”
निर्णायक लड़ाई जारी – स्थायी शांति और विकास की नींव
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार और सुरक्षाबल मिलकर नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। यह सिर्फ सुरक्षा अभियान नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में स्थायी शांति, विकास और एक नए भविष्य की बुनियाद रखने की मुहिम है। उन्होंने कहा, “हम नक्सली गतिविधियों पर रोक लगाने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि हर नागरिक को सुरक्षित, भयमुक्त और समृद्ध जीवन देने के अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे।”
छत्तीसगढ़ में चल रही इस निर्णायक कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि नक्सलवाद का अंत अब नजदीक है। मुख्यमंत्री साय ने कहा, “यह लड़ाई तब तक रुकेगी नहीं, जब तक प्रदेश नक्सलवाद के अंधकार से पूरी तरह मुक्त होकर विकास और शांति के उजाले में खड़ा नहीं हो जाता।”
क्या ये अभियान छत्तीसगढ़ में स्थायी शांति का नया अध्याय लिख पाएगा?