रायपुर विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक पारित किया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इस विधेयक के जरिए आपातकाल का दंश झेलने वाले सेनानियों को सम्मान मिलेगा। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान मीसा बंदियों की पेंशन बंद कर दी गई थी, जिसे भाजपा सरकार ने न सिर्फ बहाल किया, बल्कि 5 साल का पेंशन एकमुश्त दिया गया। सीएम ने कहा, “इस विधेयक से अब सेनानियों के सम्मान में कोई कटौती नहीं होगी।”
विपक्ष ने जताई नाराजगी
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस विधेयक को सरकार का “षड्यंत्र” करार दिया। बघेल ने कहा, “सरकार का उद्देश्य भले ही अच्छा हो, लेकिन इसमें कई प्रावधान अस्पष्ट हैं। सरकार ने लोकतंत्र सेनानी शब्द तो परिभाषित किया, लेकिन यह नहीं बताया कि वे किस वर्ग में आएंगे।”
रातोंरात सूची जारी करने पर उठे सवाल
बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने आधी रात को सूची जारी कर विधेयक पारित करवा लिया। उन्होंने सवाल उठाया कि बिना वित्तीय ज्ञापन के बिल सदन में कैसे पेश हो सकता है? विपक्ष ने इसी मुद्दे पर बहिर्गमन किया और सरकार पर “विधि विपरीत काम” करने का आरोप लगाया।