बिजली कंपनी में जमे अफसरों पर गिरी गाज की मांग, सीएम को लिखा गया पत्र – अनियमितताओं की जांच की उठी आवाज़

रायपुर। छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी में वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अफसरों को लेकर ट्रांसफर पॉलिसी के उल्लंघन का मुद्दा गरमा गया है। यूनियन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। पत्र में आरोप लगाया गया है कि कंपनी में स्थानांतरण नीति का पालन नहीं हो रहा, जिससे भ्रष्टाचार और आर्थिक गड़बड़ियों को बढ़ावा मिल रहा है।

ऊंचे पदों पर वर्षों से जमे अफसर

सेवानिवृत्त सेक्शन अधिकारी अविनाश जायसवाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि बिजली कंपनी में अब तक तीन एमडी बदले जा चुके हैं, लेकिन ईडी और जीएम (फाइनेंस विंग) जैसे उच्च पदों पर छह वर्षों से वही अधिकारी टिके हुए हैं। जबकि निचले स्तर के कर्मचारियों का नियमित रूप से ट्रांसफर हो रहा है।

गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप

पत्र में यह भी दावा किया गया है कि:

  • फाइनेंस विंग में बिना गहन जांच के करोड़ों की खरीदी को मंजूरी दी जा रही है।
  • इससे कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
  • अगर निष्पक्ष जांच हो तो बड़ी वित्तीय अनियमितताएं सामने आ सकती हैं

नियमों की अनदेखी, सवालों के घेरे में अधिकारी

अविनाश जायसवाल ने बताया कि छह वर्ष पूर्व तत्कालीन एमडी केसर हक के कार्यकाल में स्थानांतरण नीति का पालन हुआ था, लेकिन उसके बाद से मनमानी चल रही है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति न सिर्फ कर्मचारियों में असंतोष फैला रही है, बल्कि कंपनी की छवि और वित्तीय पारदर्शिता को भी नुकसान पहुंचा रही है।

सीएम से की कार्रवाई की मांग

पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि—

  • स्थानांतरण नीति का सख्ती से पालन कराया जाए।
  • लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों का तत्काल स्थानांतरण हो।
  • फाइनेंस विंग में हो रही खरीदियों और अनुमोदनों की जांच कराई जाए।

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