सरकारी अस्पताल में लापरवाही, डॉक्टर ड्यूटी छोड़ निजी क्लिनिक में इलाज, पत्रकार से बदसलूकी पर बवाल

खैरागढ़। खैरागढ़ के सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होती जा रही हैं। अस्पताल के डॉक्टर जहां ड्यूटी के समय अस्पताल छोड़कर निजी क्लिनिक में मरीज देख रहे हैं, वहीं पत्रकारों से बदसलूकी और धमकी देने जैसे गंभीर मामले भी सामने आ रहे हैं। हालात ये हैं कि जिला मुख्यालय के इस सबसे बड़े अस्पताल में न डॉक्टर मिलते हैं, न जवाबदेही

मिशन संडे टीम की छापेमारी में खुली पोल

रविवार शाम मिशन संडे टीम ने जब अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, तो पाया कि डॉ. प्रवीण सिंह परिहार ड्यूटी टाइम में अस्पताल में मौजूद नहीं थे। वे अपने सरकारी आवास में निजी क्लिनिक चला रहे थे। जब पत्रकारों ने इस लापरवाही की कवरेज शुरू की, तो डॉ. परिहार ने मोबाइल छीनने की कोशिश की, पत्रकार से गाली-गलौच की और धमकाते हुए मौके से चले जाने को कहा।

अस्पताल से नदारद थे और भी डॉक्टर

निरीक्षण के समय अस्पताल के प्रभारी बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन और डॉ. पंकज वैष्णव भी अपनी ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। यानी मरीज अस्पताल में डॉक्टरों के इंतजार में भटकते रहे, लेकिन डॉक्टर अपने-अपने कामों में मस्त थे।

पत्रकारों ने की शिकायत, एसपी ने दी फटकार

इस पूरी घटना से नाराज पत्रकारों ने खैरागढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामला बढ़ता देख पुलिस अधीक्षक लक्ष्य शर्मा खुद थाने पहुंचे और डॉक्टर परिहार को कड़ी फटकार लगाई। इसके बाद डॉक्टर परिहार ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी

पहले भी सामने आ चुके हैं गंभीर आरोप

यह पहली बार नहीं है जब खैरागढ़ सिविल अस्पताल विवादों में आया हो। हाल ही में यहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के बदले रिश्वत मांगने का मामला भी सामने आया था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि उस मामले में जिम्मेदार अफसरों ने एक-दूसरे पर आरोप मढ़कर मामले को रफा-दफा कर दिया।

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