16 जिलों में युक्तियुक्तकरण के लिए शिक्षकों की काउंसिलिंग पूरी, 4500 से अधिक अतिशेष शिक्षकों को मिली नवीन पदस्थापना

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य शासन के निर्देशानुसार 16 जिलों में अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जिसमें अब तक 4456 से अधिक सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक और व्याख्याता को नई पदस्थापना दे दी गई है।

यह काउंसिलिंग वरिष्ठता के आधार पर की गई, जिसमें शिक्षकों को रिक्त पदों में से अपनी पसंद के विद्यालय का चयन करने का अवसर मिला। यह प्रक्रिया कोरबा, सुकमा, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ती, जशपुर, मुंगेली, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बीजापुर और सूरजपुर जिलों में पूरी की जा चुकी है, जबकि अन्य जिलों में यह जारी है।

राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से केवल 166 स्कूलों का समायोजन किया जाएगा। इनमें 133 स्कूल ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जहां छात्र संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के दायरे में दूसरा स्कूल स्थित है। वहीं, शहरी क्षेत्रों के 33 स्कूलों में छात्र संख्या 30 से कम है और 500 मीटर के भीतर दूसरा स्कूल संचालित हो रहा है। इस समायोजन से बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। समायोजित स्कूलों के भवनों का उपयोग अन्य शैक्षणिक या प्रशासनिक कार्यों के लिए किया जाएगा।

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि सभी बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। स्कूलों और शिक्षकों के इस तर्कसंगत पुनर्वितरण से ऐसे स्कूल, जहां शिक्षकों की भारी कमी थी, अब पर्याप्त संख्या में शिक्षक प्राप्त करेंगे। इससे बच्चों को विशेषज्ञ शिक्षक, लाइब्रेरी, लैब और कंप्यूटर जैसी बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।

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