छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले: सोलर रूफटॉप पर अतिरिक्त सब्सिडी, शहीदों के परिजनों को अब किसी भी विभाग में अनुकंपा नियुक्ति

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सोलर रूफटॉप लगाने वाले उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार की सब्सिडी के साथ-साथ अब राज्य सरकार से भी अतिरिक्त सहायता देने का ऐलान किया है। 1 किलोवॉट के संयंत्र पर कुल 45,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी, जिसमें से 30,000 रुपये केंद्र और 15,000 रुपये राज्य सरकार देगी। यह सब्सिडी प्लांट की क्षमता जैसे 2 किलोवॉट, 3 किलोवॉट या उससे अधिक के आधार पर तय की जाएगी। हाउसिंग सोसाइटी और रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन को भी इसका लाभ मिलेगा।

इस योजना से वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार पर 180 करोड़ रुपये और 2026-27 में 210 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आने की संभावना है।

जनजातीय छात्रों के लिए बड़ी राहत

कैबिनेट ने जशपुर जिले में महिला स्व-राज्य के डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव, पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समतुल्य और डोमरा समाज को अनुसूचित जाति के समतुल्य मानते हुए राज्य छात्रवृत्ति और छात्रावास सुविधा प्रदान करने की मंजूरी दी है।

नारायणपुर में संस्थाओं का विलय

रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था ‘विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एंड सर्विसेज, छत्तीसगढ़ (विश्वास)’ को रामकृष्ण मिशन आश्रम में विलय की स्वीकृति दी गई है।

बेमेतरा में नया उद्यानिकी महाविद्यालय

बेमेतरा जिले के साजा तहसील के बेलगांव में उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 100 एकड़ भूमि उद्यानिकी विभाग को निःशुल्क दी जाएगी।

‘जशप्योर’ ब्रांड को मिलेगा बड़ा बाजार

राज्य में महिला सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे हर्बल व महुआ चाय जैसे पारंपरिक उत्पादों को ‘जशप्योर’ ब्रांड के तहत बाजार उपलब्ध कराने हेतु इसे राज्य सरकार या सीएसआईडीसी को हस्तांतरित किया जाएगा।

‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट’ का गठन

गौण खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण और अधोसंरचना विकास के लिए ‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट’ (SMET) के गठन की अधिसूचना के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई है।

शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को मिलेगा सम्मान

कैबिनेट ने नक्सली हिंसा में शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को अब किसी भी विभाग और जिले में अनुकंपा नियुक्ति देने का फैसला लिया है। पहले यह नियुक्ति केवल उसी विभाग और कार्यालय तक सीमित थी जहां शासकीय सेवक कार्यरत था। इसके लिए वर्ष 2013 की एकजाई पुनरीक्षित निर्देश की कंडिका 13(3) में संशोधन किया गया है।

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