छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: अब कृषि भूमि पर भी बसाई जा सकेंगी कॉलोनियां

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के हर परिवार को पक्का घर देने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में “छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम 2025” को मंजूरी दी गई है, जो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सस्ते आवास और भूखंड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

राज्य मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद यह नियम राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन के साथ प्रभावी हो जाएगा। इस नई नीति के तहत निजी डेवलपरों और बिल्डरों को छोटे भूखंडों की प्लॉटिंग की अनुमति भी दी जाएगी।

अवैध प्लॉटिंग पर रोक, वैध विकल्पों को बढ़ावा

अब तक विशेष प्रावधानों की कमी के कारण अवैध प्लॉटिंग तेजी से बढ़ रही थी। इसी को देखते हुए यह नया नियम तैयार किया गया है, जिसमें आवासीय कॉलोनी के लिए सामुदायिक खुला स्थान 10% से घटाकर 5% कर दिया गया है, बशर्ते यह 250 वर्गमीटर से कम न हो।

आवासीय और कृषि भूमि दोनों पर कॉलोनी निर्माण की अनुमति

नए नियमों के तहत अब आवासीय और कृषि दोनों प्रकार की भूमि पर कॉलोनी विकसित की जा सकेगी। साथ ही, एकल या संयुक्त आवेदन का प्रावधान भी किया गया है, जिससे अब केवल भू-स्वामी ही नहीं बल्कि कई आवेदक मिलकर भी आवेदन कर सकेंगे।

ये हैं कॉलोनी निर्माण के प्रमुख मानक:

  • क्षेत्रफल सीमा: 2 से 10 एकड़ तक कॉलोनी विकसित करने की अनुमति
  • प्रकोष्ठ विकास: न्यूनतम 3.25 एकड़, जिसमें 1.25 एकड़ प्रकोष्ठ विकास के लिए आरक्षित
  • प्रति इकाई अधिकतम आकार: 90 वर्गमीटर
  • मुख्य मार्ग की चौड़ाई: 9 मीटर
  • भवन की ऊंचाई: अधिकतम 12 मीटर (स्टील्ट पार्किंग छोड़कर)
  • तलों की अधिकतम संख्या: 4 (पार्किंग सहित)
  • एफएआर: 1.5

रेरा की सहमति, छोटे निवेशकों को राहत

छत्तीसगढ़ रेरा (भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण) ने इस नीति पर सहमति जताई है। देशभर में करीब 90% आवासीय संकट कमजोर और निम्न आय वर्ग के लिए है। ये वर्ग अक्सर अवैध कॉलोनियों की ओर रुख करते हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलतीं। नई नीति इन वर्गों को विकसित और अधिकृत कॉलोनियों में सस्ती दरों पर भूखंड और मकान उपलब्ध कराने में मददगार होगी।

You May Also Like

More From Author