रायपुर। छत्तीसगढ़ में बिजली की दरों में संभावित वृद्धि को लेकर राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को एक और सुनवाई का मौका दिया है। आयोग ने यह निर्णय तब लिया जब 19 और 20 जून को हुई सुनवाई में बहुत कम उपभोक्ता पहुंचे और सुनवाई के लिए समय कम दिए जाने की शिकायतें सामने आईं। अब 30 जून को सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर अपना पक्ष रखने का अंतिम अवसर मिलेगा।
30 जून को होगी अंतिम सुनवाई
आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो उपभोक्ता पूर्व की सुनवाई में शामिल नहीं हो सके, वे 30 जून को पूर्वान्ह 11:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक अपना पक्ष रख सकते हैं। यह अंतिम मौका होगा और इसके बाद उपभोक्ताओं को कोई अन्य अवसर नहीं दिया जाएगा।
4500 करोड़ रुपये का घाटा, दरें बढ़ाने की तैयारी
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने आयोग के सामने दिसंबर 2024 में ही नया टैरिफ प्रस्ताव जमा कर दिया था, जिसमें कंपनी ने 4500 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। इस घाटे की पूर्ति के लिए बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है। पिछले साल 4420 करोड़ रुपए घाटे के प्रस्ताव पर आयोग ने केवल 2819 करोड़ रुपये ही मान्य किए थे। घाटा कम करने के लिए राज्य सरकार ने वितरण कंपनी को 1000 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का भी निर्णय लिया था।
सुनवाई में उठी फील्ड की खराब व्यवस्था की बात
19 और 20 जून की जनसुनवाई में पहुंचे कुछ किसान और घरेलू उपभोक्ताओं ने बिजली की फील्ड व्यवस्था को लेकर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने ट्रांसफॉर्मर खराबी, लाइनों की समस्या, लंबी बिजली कटौती और बिलिंग की गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया। किसानों ने यह भी कहा कि उनकी शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही है।
आयोग अब सक्रिय, नए सदस्य नियुक्त
गौरतलब है कि आयोग में लंबे समय से सदस्य पद खाली होने के कारण सुनवाई टलती जा रही थी। हाल ही में सरकार ने विवेक गनौदवाले को विधि सदस्य और अजय सिंह को तकनीकी सदस्य नियुक्त किया, जिसके बाद सुनवाई की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई।