नारायणपुर में 22 नक्सलियों ने छोड़ी हिंसा, CM साय बोले- “बंदूक नहीं, अब विकास का रास्ता चुन रहे लोग”

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार की पुनर्वास नीति रंग लाती नजर आ रही है। नारायणपुर जिले में कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इन सभी नक्सलियों पर कुल मिलाकर 37 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से कुछ पर 50 हजार से लेकर 8 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “अब लोग बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं।” उन्होंने बताया कि प्रदेश में उनकी सरकार बनने के बाद से अब तक कुल 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री साय ने इस सफलता का श्रेय राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 को दिया। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार की नई नीति और जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता ने लोगों के मन में भरोसा जगाया है। ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं के चलते नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास का माहौल बना है, और लोग हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और समाज में पुनर्स्थापन के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

नारायणपुर में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कई ऐसे हैं, जो लंबे समय से सक्रिय थे और जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। अधिकारियों का कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत सुविधाएं दी जाएंगी और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की पूरी कोशिश की जाएगी।

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