मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी से करारी शिकस्त मिली । हार पर मंथन करते हुए पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक में लगभग 150 स्थानीय नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है । इन्हें चुनाव के दौरान कथित तौर पर’ पार्टी विरोधी’ गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में नोटिस जारी किया गया है ।
एक पदाधिकारी ने कहा, शुक्रवार को जारी किए गए नोटिस पर 10 दिनों में जवाब दिया जाएगा । संतोषजनक जवाब नहीं देने वालों को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा । प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति की शुक्रवार को भोपाल में बैठक हुई ।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, अनुशासन समिति प्रमुख और एमपीसीसी कोषाध्यक्ष अशोक सिंह ने चेतावनी दी कि पार्टी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार करेगी जो’ पार्टी विरोधी’ गतिविधियों में शामिल थे और निर्धारित समय के अंदर संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे । कांग्रेस का यह कदम विधानसभा चुनाव परिणाम आने के एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद आया है ।
पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले खुद को मजबूत करना चाहती है । इसके अलावा एक स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि आंतरिक कलह और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी । कांग्रेस ने यह एक्शन मुख्य तौर पर चुनाव हारने वाले 164 प्रत्याशियों से मिली शिकायतों पर लिया है । जिन्होंने अपनी हार के लिए’ आंतरिक कलह’ को जिम्मेदार ठहराया है । कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पीटीआई को बताया,’ हमने जिन लोगों को नोटिस भेजा है, अगर उनसे संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला तो हम उन्हें निष्कासित कर देंगे ।’
इस महीने की शुरुआत में राज्य कांग्रेस की चुनाव और राजनीतिक मामलों की समितियों की बैठकों में पराजित उम्मीदवारों और जिला पदाधिकारियों ने पार्टी हित के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी ।
अनुशासन समिति की शुक्रवार की बैठक में सदस्यों ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पार्टी के बागियों को बाहर का रास्ता दिखाने के फैसले का समर्थन किया । कांग्रेस ने कई बागियों को निष्कासित कर दिया है जिन्होंने नेतृत्व को नजरअंदाज किया और घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ा । बता दें कि सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनावों में कुल 230 में से 163 सीटें जीती थीं । वहीं कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटें मिली थीं ।