सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में 27 जून को आयोजित आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परीक्षा केंद्र में हिंदू परीक्षार्थियों के हाथों में बंधे ‘कलावा’ को कथित रूप से काटकर जूते-चप्पलों में फेंकने का आरोप लगाया गया है। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
क्या हैं आरोप?
शिकायतकर्ता अमन यादव और अन्य परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया है कि परीक्षा के दौरान केंद्र में तैनात कर्मियों ने उनके हाथों में बंधे धार्मिक धागे कलावा को जबरन काटा और उसे अपमानजनक तरीके से जूते-चप्पलों में फेंक दिया। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यह कृत्य सनातन धर्म की धार्मिक भावनाओं का अपमान है।
किन पर लगे आरोप?
इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने केंद्राध्यक्ष अन्नु दुबे, आरक्षक घनश्याम सिंह और रामेश्वर देवांगन पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इन अधिकारियों के तत्काल निलंबन की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि 72 घंटे के भीतर कार्रवाई नहीं की गई, तो विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिन्दू संगठनों द्वारा चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रशासन ने की जांच समिति गठित
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर एस जयवर्धन ने एक चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।
इस समिति में शामिल हैं:
- सूरजपुर SDM – समिति के अध्यक्ष
- डिप्टी कलेक्टर (परीक्षा के नोडल अधिकारी)
- थाना प्रभारी, कोतवाली सूरजपुर
- प्राचार्य समन्वयक, शासकीय रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय
समिति को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करे ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।