रायपुर। छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों की हड़ताल ने पूरे राजस्व तंत्र को ठप कर दिया है। प्रदेश की सभी तहसीलों और राजस्व न्यायालयों में कामकाज ठप होने के कारण 20 हजार से अधिक फाइलें लंबित हो गई हैं। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर छात्रों पर पड़ा है, जिन्हें जाति, आय और निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बार-बार तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल रहा।
राजस्व अदालतों में फैसले अटके हैं और धारा 115 के तहत त्रुटि सुधार, नक्शा नकल, शोध प्रमाण पत्र, सीमांकन, फौती नामांतरण और बंटवारे जैसे काम भी रुक गए हैं। छात्रों के सर्टिफिकेट समयसीमा में जमा करने की बाध्यता के बावजूद फाइलें तहसीलदारों के हस्ताक्षर के बिना आगे नहीं बढ़ रही हैं।
हालांकि रजिस्ट्री जैसे कामों पर सीधा असर नहीं पड़ा है, लेकिन जमीन से जुड़े अधिकतर अन्य मामलों की फाइलें ठंडे बस्ते में हैं। बैंकों की वसूली प्रक्रिया भी बाधित हो रही है। हर जिले में लंबित आवेदनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।