आरंग। अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत भिलाई स्थित मोदी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड प्लांट में दो महीने पहले कृषि विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर 550 बोरी अवैध यूरिया जब्त किया था। इस अवैध उर्वरक की नीलामी को लेकर अब सियासत गरमा गई है। अभनपुर विधायक इंद्रकुमार साहू ने इस मामले में गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
किसानों को तरस, प्लांट में मिला यूरिया
विधायक साहू ने कहा कि जब किसान एक-एक बोरी यूरिया के लिए भटक रहा है, तब मोदी बायोटेक प्लांट में 550 बोरी अवैध यूरिया बरामद होना बड़े सवाल खड़े करता है। उनका आरोप है कि सब्सिडी वाला यूरिया, जो सीधे किसानों को मिलना चाहिए, उसे कंपनियों में खपाया जा रहा है। साहू ने मांग की कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर यह यूरिया यहां कैसे पहुंचा और किस कंपनी को उपलब्ध कराया जा रहा था।
एफआईआर क्यों नहीं?
इंद्रकुमार साहू ने प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब 550 बोरी यूरिया जब्त हुआ है तो केवल उसे राजसात करना ही पर्याप्त कार्रवाई नहीं है। अब तक मोदी बायोटेक कंपनी के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी-कर्मचारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जिन पर शासन स्तर से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
नीलामी पर भी सवाल
गौरतलब है कि रायपुर कलेक्टर के आदेश पर जब्त यूरिया को राजसात किया गया और 11 अगस्त को कृषि विभाग की टीम नीलामी की प्रक्रिया के लिए प्लांट पहुंची थी। लेकिन इस प्रक्रिया की सूचना न तो किसानों को दी गई और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को। इस कारण कई किसान नीलामी से वंचित रह गए।
ग्रामीणों के आरोप
ग्रामीणों ने कृषि विभाग और मोदी बायोटेक कंपनी पर साठगांठ का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्लांट में यूरिया का उपयोग अवैध तरीके से जहरीला पेय पदार्थ (शराब) बनाने में किया जा रहा था।