रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने साफ किया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इस बार संघ पीछे हटने वाला नहीं है।
बैठक के मिनट्स जारी नहीं, कर्मचारियों में आक्रोश
डॉ. मिरी ने बताया कि 13 अगस्त को राज्य स्वास्थ्य समिति की कार्यकारिणी की बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा हुई थी, लेकिन आज तक उसके मिनट्स जारी नहीं किए गए। इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ मीडिया माध्यमों से कर्मचारियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि उनकी मांगों को मान लिया गया है, जबकि हकीकत यह है कि प्रमुख मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ।
नियमितीकरण और ग्रेड पे मुख्य मुद्दा
संघ की प्रमुख मांगों में नियमितीकरण, ग्रेड पे, पब्लिक हेल्थ कैडर का गठन, कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता और 27% वेतन वृद्धि शामिल हैं। डॉ. मिरी का कहना है कि बैठक में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई, वे पहले से ही 2018 की मानव संसाधन नीति में शामिल हैं। लेकिन सबसे अहम मांग – नियमितीकरण और ग्रेड पे पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मिरी ने आरोप लगाया कि इन मुद्दों पर कार्रवाई के लिए फाइल 2023 तक पूरी की जा चुकी थी, बावजूद इसके सरकार ने इसे लंबित रखा।
कर्मचारियों में असंतोष
एनएचएम कर्मचारी लंबे समय से अस्थायी व्यवस्था में काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि नियमितीकरण न होने से न केवल उनके भविष्य पर असर पड़ रहा है, बल्कि नौकरी की सुरक्षा को लेकर भी वे लगातार असमंजस की स्थिति में हैं। संघ का आरोप है कि बार-बार आश्वासन दिए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।