‘छुट्टी वाली मैडम’ से नाराज पालकों ने किया स्कूल में ताला

गरियाबंद। जिले के छुरा क्षेत्र में सरकारी स्कूल की लापरवाह व्यवस्था एक बार फिर विवादों में आ गई है। राजपुर प्राथमिक शाला के पालकों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आज सुबह स्कूल में ताला जड़ दिया। कारण – यहां पदस्थ शिक्षिका अनसुईया चंद्राकर अक्सर छुट्टी पर रहती हैं और पढ़ाई पूरी तरह ठप हो जाती है।

पालकों का आरोप है कि शिक्षा सत्र की शुरुआत से अब तक कुल 66 दिन स्कूल खुला, लेकिन शिक्षिका महज 20 दिन ही पढ़ाने आईं। यहां तक कि 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व में भी उनकी गैरमौजूदगी रही। स्कूल में 35 बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है, लेकिन एकमात्र प्रधान पाठक प्रमोद मोगरे शासकीय कामकाज और 5 कक्षाओं की पढ़ाई दोनों का बोझ उठाते हैं। जब वे सरकारी काम से बाहर जाते हैं तो बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो जाती है।

अव्यवस्था से नाराज पालक, बच्चों की सुरक्षा पर भी चिंता

ग्रामीण पालकों का कहना है कि बाउंड्रीविहीन स्कूल के पास ही एक कुआं है। बच्चे खेलते-खेलते वहां तक चले जाते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर लगातार डर बना रहता है। इस अव्यवस्था के चलते पालकों ने शिक्षिका की “परमानेंट छुट्टी” की मांग की है और स्कूल में तालाबंदी कर दी है।

बीईओ और डीईओ पर पक्षपात के आरोप

पालकों ने आरोप लगाया कि शिक्षिका अनसुईया चंद्राकर सीधे बीईओ दफ्तर से छुट्टी ले लेती हैं। इस बारे में प्रधान पाठक को भी जानकारी नहीं होती। जब पालकों ने बीईओ से शिकायत की, तो उन्होंने सुनवाई करने की बजाय उन्हें शिक्षा मंत्री के पास जाने की सलाह दे दी। यही नहीं, मामले में बीईओ एल. मतवाले से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

डीईओ जगजीत सिंह धीर ने भी पालकों को स्पष्ट कर दिया कि गांव वालों की मर्जी से शिक्षक नहीं बदले जा सकते। उनका कहना है कि यदि शिक्षिका ने अर्जित अवकाश से ज्यादा छुट्टी ली है तो इस पर कार्रवाई होगी और पेमेंट रोका जा सकता है, लेकिन किसी को जबरदस्ती स्कूल बुलाना संभव नहीं है।

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