बिलासपुर में राष्ट्रीय रसायन दिवस पर संगोष्ठी, छात्रों ने पेश किए नवाचार

बिलासपुर। स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय में सोमवार को राष्ट्रीय रसायन दिवस के अवसर पर प्रेरणादायी व वैज्ञानिक चेतना से भरपूर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारत के महान रसायनज्ञ आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय की जयंती को समर्पित रहा, जिन्हें आधुनिक भारत में रसायन शास्त्र की नींव रखने वाला माना जाता है।

कार्यक्रम का आयोजन रसायन शास्त्र विभाग व आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर छात्रों ने रसायन विज्ञान की उपयोगिता, आधुनिक तकनीक के साथ इसकी संभावनाएं और मानव जीवन में इसके योगदान पर प्रस्तुतियां दीं।

आधुनिक तकनीक से जुड़ा रसायन

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. खेमचंद देवांगन रहे। उन्होंने रसायन विषय को कंप्यूटर आधारित तकनीकों से जोड़ते हुए वर्चुअल लैब्स, सॉफ्टवेयर कोर्स, मॉडलिंग और सिम्युलेशन जैसी विधाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल उपकरणों से रसायन की जटिलताओं को सरलता से सिखाया और समझा जा सकता है।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. यू.के. श्रीवास्तव ने इसे जीवन विज्ञान बताते हुए छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और नवाचार की ओर कदम बढ़ाने का संदेश दिया।

करियर और परंपरा पर चर्चा

कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रामेश्वरी बंजारा ने चिकित्सा, पर्यावरण, उद्योग, खाद्य और अनुसंधान में रसायन शास्त्र की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को करियर की संभावनाओं से अवगत कराया।

सत्र के दौरान छात्रों ने मॉडल और पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से रसायन के महत्व पर अपनी रचनात्मकता दिखाई। “मानव जीवन में रसायन का महत्व” विषय पर दी गई प्रस्तुतियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।

वहीं डॉ. प्रेमलता वर्मा, डॉ. राजकुमार सचदेव और श्री बृजकिशोर त्रिपाठी ने भारतीय प्राचीन विज्ञान पर चर्चा करते हुए नागर्जुन, चरक, कणाद और आर्यभट्ट जैसे महान वैज्ञानिकों के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय वैज्ञानिक परंपरा को फिर से केंद्रीय महत्व दिया गया है, जो सराहनीय कदम है।

कार्यक्रम में प्रो. एल.के. गवेल, डॉ. प्रकाश त्रिपाठी, श्री जी.आर. सलाम, ऋषि अग्रवाल सहित कई अतिथि प्राध्यापक मौजूद रहे और विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया।

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