दुर्ग। दुर्ग जिले के कुछ शिक्षकों पर स्कूल का समय और संसाधनों का उपयोग करके निजी हर्बल व्यवसाय चलाने के गंभीर आरोपों के मद्देनजर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई जांच के बाद अंततः कार्रवाई हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने एक शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और तीन अन्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा है।
यह कार्रवाई एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए की गई। डीईओ मिश्रा ने शिक्षकों द्वारा ‘हर्बल लाइफ’ नामक एक संस्था के माध्यम से वजन घटाने और सेहत बनाने की सलाह देना, उसकी सदस्यता दिलाना, स्कूल के समय में ऑनलाइन मीटिंगें करना और स्कूल परिसर में बैठकर ही ऑनलाइन हर्बल सेशन लेने के गंभीर आरोपों की जांच के आदेश दिए थे।
जांच में क्या पाया गया?
धमधा विकासखंड शिक्षा अधिकारी अथर्व शर्मा द्वारा की गई जांच में पाया गया कि निम्नलिखित शिक्षक सोशल मीडिया पर हर्बल उत्पादों का प्रचार-प्रसार कर रहे थे और उनकी गतिविधियाँ नियमों के विपरीत थीं:
- लोमन वर्मा, व्याख्याता, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, घोटवानी
- बलदाउ पटेल, शिक्षक, सीएसी संकुल केंद्र बोरी
- मुकेश चतुर्वेदी, शिक्षक, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, दनिया
- खिलेश्वरी चतुर्वेदी, सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला, फुंडा
क्या की गई कार्रवाई?
जिला शिक्षा अधिकारी ने इन कार्यों को सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन पाया और तुरंत कदम उठाए:
- सहायक शिक्षक खिलेश्वरी चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
- व्याख्याता लोमन वर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए एक प्रस्ताव लोक शिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर के संचालक को भेजा गया है।
- बलदाउ पटेल और मुकेश चतुर्वेदी के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक प्रस्ताव संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग दुर्ग को भेजा गया है।