छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के लिए EOW का प्रोडक्शन वारंट, कोर्ट में सुनवाई शुरू

रायपुर। बहुचर्चित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ा अपडेट सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को रायपुर स्पेशल कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले सकती है। ACB–EOW ने इसके लिए कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन किया है। कुछ देर पहले पुलिस चैतन्य को रायपुर सेंट्रल जेल से कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लेकर पहुंची, जहां मामले की सुनवाई जारी है। कस्टम मिलिंग स्कैम में गिरफ्तार दीपेन चावड़ा को भी पेशी के लिए लाया गया है।

पहले टली थी गिरफ्तारी

EOW ने इससे पहले भी चैतन्य की गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया था, लेकिन उस दौरान उनके वकील ने गिरफ्तारी रोकने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी। हाईकोर्ट ने उन्हें स्पेशल कोर्ट जाने की सलाह दी। स्पेशल कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के बाद EOW ने दोबारा प्रोडक्शन वारंट का आवेदन किया, जिस पर आज सुनवाई हो रही है।

ईडी ने जन्मदिन पर किया था गिरफ्तार

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई स्थित आवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई उस एफआईआर के आधार पर हुई थी जो ACB/EOW ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में दर्ज की थी।

2,500 करोड़ का घोटाला, 16.70 करोड़ का लाभ

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि शराब घोटाले से प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और लगभग 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों तक पहुंचाई गई। चैतन्य बघेल को इस घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले थे। आरोप है कि इस धन को उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में निवेश किया, ठेकेदारों को नकद भुगतान किया और बैंक प्रविष्टियों का सहारा लिया। जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर अपनी “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फर्जी फ्लैट खरीद के जरिये 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल से यह भी साबित हुआ कि त्रिलोक सिंह ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से पैसे पहुंचे।

पहले से गिरफ्त में कई बड़े नाम

इस मामले में ईडी पहले ही कई बड़े चेहरों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक कवासी लखमा शामिल हैं। फिलहाल EOW और ED की जांच आगे बढ़ रही है और चैतन्य की रिमांड को लेकर कोर्ट में सुनवाई जारी है।

You May Also Like

More From Author