रायपुर। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे कोरबा कलेक्टर अजित वसंत पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के 14 गंभीर आरोपों के मद्देनजर रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने निकले थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और एम्स के पास गहोई भवन में नजरबंद कर दिया।
पूर्व मंत्री ने चेतावनी दी थी कि यदि 4 अक्टूबर तक कलेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे राजधानी में धरना देंगे। कंवर ने आरोप लगाया कि कोरबा कलेक्टर हिटलरशाही तरीके से प्रशासन चला रहे हैं और उनके खिलाफ सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं। इसमें स्व-सहायता समूह की 40,000 महिलाओं से अरबों की ठगी, फर्जी मुआवजा वितरण में करोड़ों की अनियमितताएं, भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को टारगेट करना जैसे आरोप शामिल हैं।
जांच का आदेश
छत्तीसगढ़ शासन ने ननकीराम कंवर के शिकायती पत्र पर संज्ञान लिया है। बिलासपुर संभागायुक्त सुनील जैन से मामले की जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। हालांकि, संभागायुक्त ने कहा कि उन्हें अभी तक लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आदेश मिलते ही वे जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंप देंगे और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व गृहमंत्री का विरोध और प्रतिबद्धता
कंवर ने शुक्रवार शाम ही रायपुर पहुँचकर प्रशासन को अपने धरना प्रदर्शन की जानकारी दी थी। शनिवार सुबह 10 बजे सीएम हाउस के लिए निकलने पर उन्हें पुलिस ने रोक लिया। सूत्रों के अनुसार, नजरबंद किए जाने के बाद भी वे गहोई भवन के गेट से बाहर निकलने की कोशिश में लगे रहे, जो उनके विरोध के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
कलेक्टर का विवादित रुख
कोरबा कलेक्टर अजित वसंत का व्यवहार पहले भी विवादों में रहा है। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को फेसबुक पोस्ट के लिए नोटिस भेजने का मामला इसका उदाहरण है। यह गतिरोध राज्य में सरकारी जवाबदेही और पारदर्शिता की जरूरत को उजागर करता है।