रायपुर (छत्तीसगढ़):
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को रायपुर की विशेष न्यायालय ने जमानत दे दी है।
हालांकि, नान घोटाले में जमानत मिलने के बावजूद पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को अभी जेल में ही रहना होगा। इसके पीछे की वजह यह है कि टुटेजा फिलहाल शराब घोटाला से जुड़े एक अन्य मामले में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं।
क्या था कोर्ट का आदेश?
स्पेशल कोर्ट ने दोनों रिटायर्ड अधिकारियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों अधिकारियों ने हाल ही में ईडी के सामने सरेंडर किया था और कस्टडी पूरी कर न्यायिक हिरासत में थे।
कोर्ट के इस आदेश से रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला को बड़ी राहत मिली है और उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
अनिल टुटेजा क्यों रहेंगे जेल में?
नान घोटाले में जमानत मिलने के बावजूद, अनिल टुटेजा को शराब घोटाला मामले में आरोपी बनाया गया है। इस मामले में भी उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और वे EOW की हिरासत में हैं। इस वजह से, उन्हें नान घोटाले से राहत मिलने के बावजूद, दूसरे मामले की कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक जेल में रहना होगा।
क्या है नान घोटाला?
नान घोटाला छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम से जुड़ा एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है, जो साल 2015 में सामने आया था। इसमें घटिया चावल और नमक की सप्लाई के साथ-साथ उच्चाधिकारियों को कथित रूप से कमीशन दिए जाने के आरोप लगे थे। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत जांच शुरू की थी, जिसमें दोनों रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला (तत्कालीन अध्यक्ष) और अनिल टुटेजा (तत्कालीन प्रबंध निदेशक) को आरोपी बनाया गया था।