दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का समापन भाई दूज के पवित्र पर्व के साथ होता है। यह दिन भाई-बहन के स्नेह और अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है। इस साल भाई दूज 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर उनकी लंबी आयु, समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं, जबकि भाई बहनों को स्नेह व उपहार देते हैं।
Bhai Dooj: पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को यह पर्व मनाया जाएगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:45 से 05:36 बजे तक रहेगा, जो स्नान और पूजा के लिए श्रेष्ठ है। अभिजीत मुहूर्त 11:43 से 12:28 बजे तक और अमृत काल शाम 06:57 से 08:45 बजे तक रहेगा।
इसके अलावा, पांच शुभ मुहूर्तों में तिलक करना अत्यंत मंगलकारी रहेगा –
-शुभ (06:27 AM – 07:51 AM)
-चर (10:41 AM – 12:05 PM)
-लाभ (12:05 PM – 01:30 PM)
-अमृत (05:43 PM – 07:19 PM)
-चर (07:19 PM – 08:54 PM)
Bhai Dooj: ध्यान रखें कि दोपहर 01:30 PM से 02:54 PM तक राहुकाल रहेगा, इस दौरान तिलक या कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
Bhai Dooj: तिलक विधि: भाई दूज के दिन बहनें स्नान कर व्रत संकल्प लें और पूजा थाली में गोला, कलावा, रोली, अक्षत, दीपक और मिठाई रखें। शुभ मुहूर्त में अनामिका अंगुली से चंदन, हल्दी, दही या कुमकुम का तिलक करें और टूटा चावल न प्रयोग करें। भाई का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है।
Bhai Dooj: पौराणिक मान्यता के अनुसार, यमराज हर वर्ष इस दिन अपनी बहन यमुना से मिलने आते हैं। तभी से यह पर्व भाई दूज, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया के रूप में मनाया जाता है, जो भाई-बहन के स्नेह का अमर प्रतीक है।