सक्ती जिले में एक रेलवे इंजीनियर द्वारा आयोजित विवाह समारोह ने अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण क्षेत्र में खलबली मचा दी है। इस शादी में, दूल्हे ने छत्तीसगढ़ी परंपराओं और देशी अंदाज को अपनाते हुए, सभी रस्में और खाने के व्यंजन छत्तीसगढ़ी शैली में प्रस्तुत किए। बांस की बल्ली और मेंहदी के पत्तों से बनी टेंट, बैलगाड़ी में बारात, और स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक गायन और नृत्य ने इस शादी को एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।
यह विवाह समारोह केवल एक शादी से कहीं अधिक है, यह छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति गहरे सम्मान और समर्पण का प्रतीक है। यह एक ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब हमारी परंपराएं धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं। यह युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने और उन्हें अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
इस शादी का प्रभाव केवल सक्ती जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की भावना को प्रेरित कर सकता है। यह अन्य लोगों को भी अपनी परंपराओं को संरक्षित करने और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
इसके अतिरिक्त, यह शादी सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। इसमें विभिन्न वर्गों और समुदायों के लोगों ने भाग लिया, जो छत्तीसगढ़ की सामाजिक विविधता को दर्शाता है।