Ramadan : रमजान का पवित्र महीना: महत्व, रोजा, सहरी और सदका

Ramadan : मार्च में रमजान का पवित्र महीना शुरू होने वाला है, जो मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत में लीन रहते हैं, रोजा रखते हैं, और दान-पुण्य करते हैं।

रमजान का महत्व:

  • रमजान को बरकत वाला महीना माना जाता है।
  • इस महीने में की गई इबादत का फल 70 गुना अधिक होता है।
  • रोजा रखकर मांगी गई हर दुआ कुबूल होती है।
  • रमजान का महीना आत्म-संयम, अनुशासन, और दया का प्रतीक है।

रोजा:

रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह से लेकर शाम तक रोजा रखते हैं। रोजा रखने के दौरान वे खाने-पीने से परहेज करते हैं। रोजा आत्म-संयम और अनुशासन का प्रतीक है।

सहरी:

रोजे की शुरुआत सहरी से होती है। सहरी में रात के आखिरी हिस्से में कुछ खा-पी लिया जाता है। सहरी रोजेदारों को पूरे दिन ऊर्जा प्रदान करती है।

सदका:

रमजान के महीने में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी कमाई का चौथाई हिस्सा दान करते हैं। सदका गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने का एक तरीका है।

रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह महीना उन्हें अल्लाह के करीब जाने, आत्म-संयम और अनुशासन का अभ्यास करने, और दान-पुण्य करने का अवसर प्रदान करता है।

यहाँ कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं जो रमजान के महीने से जुड़ी हैं:

  • रमजान का महीना चाँद के दिखने पर शुरू होता है और चाँद के दिखने पर ही खत्म होता है।
  • रमजान के महीने में तरावीह की नमाज़ पढ़ी जाती है।
  • रमजान के महीने में शब-ए-क़द्र की रात होती है, जो सबसे पवित्र रात मानी जाती है।
  • रमजान के महीने के अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है।

You May Also Like

More From Author