इस साल देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को है जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जानें वाली यह एकादशी हिंदू धर्म के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण मानी गई है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु 4 माह बाद योगनिद्रा से जागते है. और 4 माह से रुके सभी तरह के मंगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है। कार्तिक माह भगवान विष्णु के पूजन के लिए सब से उत्तम माह माना जाता है लेकिन देवउठनी एकादशी का पूजन और व्रत अत्यन्त फलदायी होता है इससे जुड़े कुछ नियम है जिनका पालन बहुत जरूरी है अन्यथा आपको देवताओं के क्रोध के भागी बनना पड़ जाएगा।
देवउठनी एकादशी के दिन किया गया व्रत बहुत ही फलदायी होता है, लेकिन पूजा तभी सिद्ध मानी जाती है जब सभी नियमों का पालन विधिपूर्वक किया जाए, इसलिए भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए।
गलती से भी ये गलतियां न करें
1. दोपहर विश्राम करने से बचें
4 माह के लंबे योग निद्रा से भगवान विष्णु बाहर आते हैं ऐसे में हमें दोपहर में विश्राम नहीं करना चहिए और प्रभु के भक्ति भाव से पूजन से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। दोपहर में निद्रा लेना अशुभ और भगवान का अनादर माना जाता है.
2. चावल का सेवन न करें
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन चावल खाने वाला व्यक्ति रेंगने वाला जीव बनता है इसलिए चावल, मांस, मदिरा इत्यादि का सेवन एकादशी के दिन न करें।
3. किसी के लिए बुरा नहीं बोलें
देवउठनी एकादशी व्रत के दौरान किसी के लिए मन में बैर न पाले। इस दिन अपने मन में सिर्फ और सिर्फ भगवान के प्रति आस्था और भक्ति का भाव होना चाहिए।

4. गलती से भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें
तुलसी भगवान विष्णु को अत्यन्त प्रिय है ऐसे में भूलकर भी इस दिन तुलसी की पत्ती नहीं तोड़े इससे भगवान विष्णु रूष्ट हो जाते है। .
अब हम आपको वो भी तरीके बताएंगे जिससे आप माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रसन्न कर पाएंगे। घी का दीपक जलाएं, जो मनुष्य एकादशी से पूर्णिमा तक प्रतिदिन घी का दीपक जलाता है उसे कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।
पूजन से यज्ञ समान फल की प्राप्ति
माता तुलसी और शालिग्राम का स्थान जहां होता है, वह चारों धाम के समान होता है और इनका पूजन यज्ञ समान फल देता है.
कार्यक्षेत्र में मिलेगी सफलता
कई प्रयासों के बाद भी जब आपको सफलता नहीं मिलती तो ग्यारस के दिन पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी को माथे में लगा कर वासुदेव, विष्णु भगवान से प्रार्थना कीजिए. कार्यक्षेत्र में अच्छी सफ़लता मिलेगी.
दाम्पत्य जीवन होगा सुखमय
एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में मौली या हल्दी को कच्चा सूत लपेट कर तनों में लपेट दें. और माता तुलसी और नारायण से प्रार्थना कीजिए. इससे शांति और दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा और आपका जीवन सुखमय होगा
दान करें ग्रहदोष होंगे शांत
इस दिन पर विशेष रूप से सिंघाड़ा, शकरकंदी और गन्ने का दान करना बहुत उत्तम माना जाता है. और इससे घर में सुख-शांति का वास होता है, ग्रहदोष भी ठीक हो जाते है।
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