स्टीमेट में घोटाले का आरोप, भुगतान लटका, एजेंसियां परेशान

Gariyaband : गरियाबंद में एक योजना में डेढ़ गुना बड़ा स्टीमेट बनाए जाने का अंदेशा है। क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा टेंडर जारी किए गए थे और 12 से 15 प्रतिशत विलो में काम लिया गया था। काम के स्टीमेट में सबसे जरूरी था ट्रांसफार्मर, जिसका स्वीकृति प्राक्कलन में जिक्र तक नहीं किया गया था। बिजली का खर्च कैसे मेंटेन किया जाएगा इसका भी कोई जिक्र नहीं है।

अफसर बदले तो काम के गुणवत्ता पर भी नजर गई, ऐसे में भुगतान का लटकना भी स्वाभाविक था। अब तक इस मद का केवल आधा पैसा ही सबंधित को जारी किया गया है। बची हुई राशि के लिए एजेंसियां आज भी कलेक्ट्रोरेट और जिला पंचायत का चक्कर लगा रहे हैं।

इस मामले में सीईओ जिला पंचायत गरियाबंद रीता यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर जो भी पूछना है कलेक्टर से पूछिए। सारा फाइल उन्हीं के पास दे दिया गया है। मद में पैसे बाकी है, उन्हीं से ट्रांसफार्मर लगाने की प्रक्रिया की जा रही है।

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