कोरबा: एनटीपीसी प्रबंधन ने दावा किया है कि उन्होंने ही अपने धनरास राखड़ बांध को खुद तोड़ा था। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि अगर बांध को नहीं तोड़ा जाता तो उसके फूटने का खतरा था। पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण बांध लबालब हो गया था।
एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी उषा घोष ने बताया कि अत्यधिक वर्षा से उत्पन्न आपातकालीन स्थिति को ध्यान में रखते हुए राखड़ बांध को क्षति से बचाने के लिए पुनर्निर्धारित मार्ग से पानी को निकाला गया। उन्होंने कहा कि इसका कुछ हिस्सा नीचे मौजूद ग्रामीणों के खेतों में भी गया है।
घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया था। ग्रामीणों का कहना है कि डेम के आसपास के 40 एकड़ खेत में राखड़ बह गया है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है।
एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि वे राखड़ बांध के चारों तरफ रहने वाले परियोजना प्रभावित परिवारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रबंधन ने पीड़ित किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
यह घटना एनटीपीसी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। यह भी गौरतलब है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसलिए यह जरूरी है कि एनटीपीसी अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करे और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोके।


 
				 
         
                 
                                     
                                     
                                     
                                     
                                     
                                     
                             
                             
                             
                                                        