रायपुर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के शिवरीनारायण स्थित प्रसिद्ध शिवरीनारायण मठ मंदिर में आज भगवान जगन्नाथ का महास्नान किया जाएगा। इसके बाद भगवान पांच दिन तक एकांतवास में रहेंगे। यह परंपरा विगत 500 वर्षों से चली आ रही है।
मान्यता के अनुसार शिवरीनारायण को छत्तीसगढ़ की जगन्नाथपुरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां भगवान जगन्नाथ स्वामी को जेष्ठ पूर्णिमा के बजाय आषाढ़ माह के पहले पक्ष की एकादशी के दिन महास्नान कराया जाता है। इस साल यह तिथि आज 2 जुलाई है।
महास्नान के बाद भगवान को मुख्य मंदिर से ले जाकर अलग मंदिर में रखा जाएगा। यहां उनका इलाज जड़ी बूटी से बने हुए काढ़े से किया जाएगा। 7 जुलाई को रथयात्रा के दिन भगवान स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देने रथ में सवार होकर अपने मौसी के घर जाएंगे।
यह माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ पुरी से शिवरीनारायण आते हैं और यहां पांच दिन तक विश्राम करते हैं। इस दौरान वे बीमार रहते हैं और उनका इलाज किया जाता है।
शिवरीनारायण मठ मंदिर में यह परंपरा विगत 500 वर्षों से चली आ रही है। पूर्व के महंतों द्वारा आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही भगवान को महास्नान कराया जाता रहा है। इसलिए परंपरा का निर्वहन करते हुए शिवरीनारायण मठ मंदिर में आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही भगवान को महास्नान कराया जाता है।
बीमार होने पर एकांतवास में भगवान को सोंठ, पीपर, अंजवाइन, दालचीनी, जावित्री, काली मिर्च, लौंग, इलायची गुड़ को उबालकर बनाया गया दशमूल काढ़ा, हल्दी युक्त दूध, फलों का जूस और औषधियुक्त लड्डू का भोग लगाया जाएगा।
यह दृश्य देखने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु शिवरीनारायण आते हैं।