सतना (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के सतना शहर में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यहां एक तोते की सफल सर्जरी की गई है। यह सर्जरी किसी आम मनुष्य या पशु की नहीं बल्कि एक प्यारे पक्षी की थी। डॉक्टरों की एक दक्ष टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम देकर न केवल तोते की जान बचाई बल्कि एक नई मिसाल भी कायम की है।
बेटू की कहानी
यह कहानी सतना शहर के मुक्तियार गंज निवासी चंद्रभान विश्वकर्मा के पालतू तोते बेटू की है। बीस साल पहले पाला गया बेटू चंद्रभान के परिवार का सदस्य बन चुका था। लेकिन पिछले छह महीनों से बेटू की गर्दन में एक गठान दिखाई देने लगी थी जो धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी। इस गठान के कारण बेटू न तो ठीक से बोल पा रहा था और न ही खाना खा पा रहा था। चंद्रभान बहुत परेशान थे और उन्होंने बेटू के इलाज के लिए सतना के पशु चिकित्सालय में डॉक्टरों से संपर्क किया।
डॉक्टरों ने किया अद्भुत काम
पशु चिकित्सालय में बेटू की जांच करने पर डॉक्टरों ने पाया कि उसके गले में एक ट्यूमर विकसित हो गया है। यह ट्यूमर बेटू के लिए खतरा बन चुका था। डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी का निर्णय लिया। सर्जरी बेहद जटिल थी क्योंकि तोते का वजन बहुत कम था और ट्यूमर उसके शरीर के वजन का लगभग एक चौथाई हिस्सा था।
दो घंटे की मशक्कत के बाद मिली सफलता
डॉक्टर बृहस्पति भारती और बालेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक दक्ष चिकित्सकीय टीम ने इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने बेटू के गले से 20 ग्राम का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाल लिया। जबकि तोते का कुल वजन 98 ग्राम था। यह ट्यूमर बेटू की गर्दन के दाहिनी आंख के नीचे धीरे-धीरे बढ़ रहा था, जिससे उसे काफी परेशानी हो रही थी।
एक नई मिसाल
यह सर्जरी इस क्षेत्र में इस प्रकार के ट्यूमर के सफल ऑपरेशन का पहला मामला है। डॉक्टरों की इस उपलब्धि ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। यह सर्जरी पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है और यह दिखाता है कि पशुओं के लिए भी उन्नत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।
बेटू की वापसी घर
सर्जरी के बाद बेटू को कुछ दिनों के लिए पशु चिकित्सालय में रखा गया। डॉक्टरों की निगरानी में बेटू जल्द ही स्वस्थ हो गया और उसे उसके मालिक चंद्रभान को सौंप दिया गया। चंद्रभान बहुत खुश हैं और उन्होंने डॉक्टरों का धन्यवाद किया।