जांजगीर-नैला: थाईलैंड के विश्व प्रसिद्ध वाट अरुण मंदिर की भव्यता अब छत्तीसगढ़ के जांजगीर-नैला में देखने को मिलेगी। यहां श्रीश्री दुर्गा उत्सव समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल में इस मंदिर की प्रतिकृति बनाई जा रही है। यह पंडाल अपनी अनूठी थीम और भव्य सजावट के लिए पूरे देश में जाना जाता है।
वाट अरुण मंदिर की प्रतिकृति
वाट अरुण रत्ववारारम, जिसे भोर का मंदिर भी कहा जाता है, थाईलैंड में चाओ फ्राया नदी के किनारे स्थित है। इसकी भव्यता और वास्तुकला इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध बनाती है। जांजगीर-नैला में बन रहे पंडाल में इसी मंदिर की प्रतिकृति को बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है। पंडाल में 35 फीट ऊंची माता रानी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और इसे 5 विशाल शेरों के स्वर्णिम रथ पर सवार दिखाया जाएगा।
पंडाल की खासियतें
इस पंडाल की कई खासियतें हैं:
- फूलों की घाटी: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े फ्लावर डेकोरेटर द्वारा पंडाल के अंदर एक सुंदर फूलों की घाटी बनाई जाएगी।
- भव्य डोम: भारत के प्रसिद्ध थर्माकोल कलाकार द्वारा पंडाल में एक आकर्षक डोम बनाया जाएगा।
- विशाल प्रवेश द्वार: पंडाल का प्रवेश द्वार 160 फीट ऊंचा और 150 फीट चौड़ा होगा।
- बुर्ज खलीफा जैसी लाइटिंग: पंडाल में बुर्ज खलीफा की तरह भव्य लाइटिंग और लेजर शो होगा।
41 सालों से चल रहा है दुर्गा पूजा उत्सव
श्रीश्री दुर्गा उत्सव समिति पिछले 41 सालों से यह भव्य दुर्गा पूजा आयोजन करती आ रही है। हर साल इस समिति द्वारा एक नई और अनूठी थीम पर पंडाल बनाया जाता है। इस बार वाट अरुण मंदिर की प्रतिकृति को बनाने का फैसला किया गया है।