बिलासपुर। रतनपुर क्षेत्र के एक युवक से साइबर ठगों ने एक करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन और अवैध गतिविधियों का हवाला देकर धोखाधड़ी की। शुरुआत में डरकर युवक ने तीन हजार पांच सौ रुपये ट्रांसफर कर दिए, लेकिन बाद में उसे ठगी का अहसास हुआ और उसने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई।
रतनपुर के व्यवसायी सुयश दुबे सोमवार को किसी काम से बाजार जा रहे थे, तभी उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वालों ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर दो बैंक अकाउंट हैं और करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है, साथ ही इन खातों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में भी किया गया है। इसके बाद उन्हें सीबीआई द्वारा जांच किए जाने की बात कही गई, जिससे सुयश घबराकर ठगों की बातों में आ गए।
ठगों ने सुयश से बैंक डिटेल और यूपीआई स्क्रीनशॉट मांगा, और फिर डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी। डरे हुए सुयश ने उनकी बात मानी और पैसे ट्रांसफर कर दिए। लेकिन कुछ समय बाद उन्हें धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत की।
साइबर अपराध के मामलों में पीड़ितों को त्वरित राहत देने के लिए सोमवार को चेतना भवन में एक दिवसीय साइबर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में पुलिस कर्मियों को साइबर ठगी के मामलों में शिकायतों को जल्द से जल्द दर्ज करने और संबंधित पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड करने की ट्रेनिंग दी गई।
आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने कहा कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, और थाना स्तर पर प्रशिक्षित साइबर विशेषज्ञ पीड़ितों को राहत प्रदान करने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी के दौरान रुपये ट्रांसफर होने के कुछ समय तक ‘गोल्डन ऑवर’ होता है, जब पीड़ितों के पैसे वापस मिलने की संभावना रहती है।