रायपुर/सुकमा। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ जांच तेज हो गई है। शनिवार सुबह एसीबी-ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) की संयुक्त टीम ने लखमा और उनके करीबी सहयोगियों के कुल 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई बस्तर संभाग के सुकमा, तोंगपाल, जगदलपुर, दंतेवाड़ा और रायपुर में की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छापेमारी जगदलपुर के प्रेम मिघलानी, रायपुर के संतोषी नगर स्थित नहाटा परिवार और अंबिकापुर के चर्चित कपड़ा व्यवसायी एवं सरकारी विभागों में सप्लायर धजाराम इंटरप्राइजेज के मालिक अशोक और मुकेश अग्रवाल के निवास व प्रतिष्ठानों पर की जा रही है।
सुबह 6 बजे शुरू हुई इस दबिश में एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी भारी संख्या में मौजूद रहे। प्रेम मिघलानी के जगदलपुर स्थित धरमपुरा हाउसिंग बोर्ड निवास को टीम ने सील किया है।
लखमा की भूमिका रही अहम
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के घर पर भी छापा मारा था। इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और 21 जनवरी से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
ED द्वारा दाखिल 3773 पन्नों की चार्जशीट में बताया गया है कि लखमा को इस पूरे घोटाले की जानकारी थी और वे सिंडिकेट के प्रमुख के रूप में सक्रिय भूमिका में थे। चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि उन्होंने आबकारी नीति में बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और निरीक्षण के पहले विभागीय अनुमति की व्यवस्था करवाई।
अब तक 21 आरोपी
ED की चार्जशीट में कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साई ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया के नाम प्रमुख हैं।
ACB-EOU की इस ताजा कार्रवाई ने मामले को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है, जिससे आने वाले समय में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।