सक्ती में वन भूमि हड़पने का आरोप, सरकारी अधिकारियों और उद्योगपतियों पर उठे सवाल

सक्ती : छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में वन भूमि पर अवैध कब्जा और इसका दुरुपयोग एक गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है। जिले के छीता पंडरिया गांव में रिजर्व फॉरेस्ट 43 को अवैध रूप से क्रेसर संचालक को सौंप दिया गया है। इस मामले में ग्राम पंचायत और वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप लगे हैं।

क्या है पूरा मामला?

सक्ती जिले में स्थित कई डोलोमाइट खदानों से पत्थर निकालने के लिए क्रेसर संचालक रिजर्व फॉरेस्ट 43 में अवैध रूप से सड़क बना रहे हैं। उन्होंने यहां तक कि एक नदी पर भी पुल बना दिया है। इस अवैध गतिविधि के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच ने वन विभाग से अनुमति लेने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह सड़क ग्रामीणों के आने-जाने के लिए बनाई गई है।

सूचना के अधिकार से खुलासा

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से पता चलता है कि यह पूरी प्रक्रिया बेहद संदिग्ध है। मात्र 10 दिनों के अंदर पंचायत का प्रस्ताव पारित हुआ और वन विभाग से अनुमति मिल गई। इसके बाद सरपंच ने तुरंत ही इस सड़क को क्रेसर संचालक को सौंप दिया।

वन विभाग की भूमिका संदिग्ध

इस पूरे मामले में वन विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है। वन विभाग के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी और क्रेसर संचालक मिलकर इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं।

जिला प्रशासन का हस्तक्षेप

सक्ती के कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने इस मामले का संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायत के आधार पर एक जांच समिति गठित की जाएगी जो इस मामले की गहराई से जांच करेगी।

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